अल्सर मुख्यतः पेट या आतंरिक भागों कि दीवार पर घाव जैसा होता है इसके मुख्य कारण निम्न हैं
1)- हैलिकोबेक्टर पाइलोरि बैक्टीरिया :- यह बैक्टीरिया पेट कि दीवारों पर संक्रमण करता है जो अल्सर का मुख्य कारण है ।
2)- एनएसऐआईडि (NSAIDs):- जैसे कि इबुप्रोफेन और एस्प्रिन , जो पेट कि आंतरिक दीवार को नुक़सान पहुंचाते हैं।
3)- अधिक ध्रुमपान और शराब का सेवन:- ये दोनों पेट कि सेहत को प्रभावित करते हैं और अल्सर के खतरे को बढ़ाते हैं।
4)- तनाव और अनियमित आहार:- ये भी अल्सर को बढ़ावा दे सकते हैं हालांकि इनके प्रभाव का तरीका पुरी तरह से स्पष्ट नहीं है ।
**इलाज**:
1. **दवाएं**:
– **प्रोटोन पंप इनहिबिटर्स (PPIs)**: जैसे ओमेप्राज़ोल, जो पेट में अम्ल का उत्पादन कम करते हैं।
– **एच2-रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स**: जैसे रैनिटिडिन, जो पेट में अम्ल के उत्पादन को कम करते हैं।
– **एंटीबायोटिक्स**: यदि हेलिकोबैक्टर पाइलोरी संक्रमण मौजूद हो, तो एंटीबायोटिक्स जैसे एमोक्सिसिलिन या क्लेथ्रोमाइसिन दी जा सकती हैं।
– **एंटासिड्स और सुक्रलफेट**: जो पेट की परत को ढकते हैं और अल्सर को ठीक करने में मदद करते हैं।
2. **जीवनशैली में बदलाव**:
– **धूम्रपान और शराब से बचें**।
– **एक संतुलित आहार** लें और अत्यधिक मसालेदार या अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचें।
– **तनाव प्रबंधन**: योग, ध्यान या अन्य तनाव कम करने की विधियाँ अपनाएं।
3. **सर्जरी**: गंभीर मामलों में, जब दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से राहत नहीं मिलती, तो सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।
अल्सर का इलाज उचित रूप से किया जाना चाहिए, और इसके लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।