* गर्भपात एक चिकित्सक प्रकिया है जिसकी मदद से गर्भ को हमेशा के लिए खत्म किया जा सकता है । यह निर्णय वय्कतीगत और संवेदनशील होता है इसके अपने फायदे और नुक़सान होते हैं।
* फायदे ;
1)- स्वास्थ्य के लिए सुरक्षा:- यदि गर्भधारण मां के जीवन या स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है तो गर्भपात जीवन बचा सकता है ।
2)- गंभीर विकारों का निवारण :- यदि भ्रूण में गंभीर जन्मजात विकार या असमानताएं पाई जाती है तो गर्भपात एक विकल्प हो सकता है।
3)- मानसिक और भावनात्मक राहत :-अवाछिंत गर्भधारण से मानसिक तनाव और चिंता हो सकती है , गर्भपात से ये तनाव और चिंता दूर हो सकती है।
4)- आर्थिक और सामाजिक कारण :- कुछ महिलाए आर्थिक और सामाजिक परिस्थितियों के कारण बच्चे को पालने में असमर्थ हो जाती है। ऐसे में गर्भपात एक विकल्प हो सकता है।
5)- पारिवारिक नियोजन :- महिलाए अपने जीवन और परिवार कि योजना के अनुसार गर्भधारण का समय चुन सकती है।
*गर्भपात के नुक़सान;
1)- शारीरिक जोखिम :- गर्भपात के दौरान और बाद में रक्तस्राव संक्रमण और अंगो को नुक़सान जैसी जटिलताएं हो सकती है।
2)- मानसिक स्वास्थ्य पर असर :- कुछ महिलाओं में गर्भपात के बाद उदासी, अवसाद और अपराधबोध जैसी भावना आ सकती है।
3)- भविष्य में गर्भाधारण के लिए जोखिम:- बार- बार गर्भपात से भविष्य में गर्भधारण करने से असर पड़ता है।
4) – अवैध और असुरक्षित गर्भपात:- कुछ जगहों पर गर्भपात अवैध होने के कारण महिलाएं असुरक्षित तरिके से गर्भपात कराने को मजबूर हो जाती है , जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है ।
5)- समाजिक और सांस्कृतिक दबाव:- कई समाज मे गर्भपात को नाकारात्मक रूप से देखा जाता है , जिससे महिलाएं को समाजिक दबाव और आलोचन का सामना करना पड़ सकता है।
*निष्कर्ष;
गर्भपात का निर्णय व्यक्तिगत और परीस्थितियो पर आधारित होता है । यह महत्वपूर्ण है कि महिलाए इन निर्णय को लेते समय सभी संभावित जोखिम और फायदे को ध्यान में रखें और योग्य चिकित्सक डाक्टर से सलाह लें । समाज और परिवार को भी महिलाओं का समर्थन करना चाहिए ताकि महिलाएं अपने भविष्य के लिए सही निर्णय ले सकें।